Surya Namaskar : 12 Yoga Asanas & How to do Sun Salutation

Surya Namaskar : 12 Yoga Asanas & How to do Sun Salutation

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) में 12 योग मुद्राओं को एक क्रम में किया जाता है। यह एक बेहतरीन कार्डियोवैस्कुलर कसरत हैं। सूर्य नमस्कार शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, तथा मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है।

Surya Namaskar के चरणों का अभ्यास सुबह ब्रह्म मुहर्त के समय खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है। सूर्य नमस्कार के प्रत्येक चरण में दो सेट होते हैं, और प्रत्येक सेट 12 योग मुद्राओं से बना होता है। हालाँकि, अच्छे स्वास्थ्य और सर्वोत्तम परिणामों के लिए नियमित रूप से इसका अभ्यास करना जरुरी है।

सूर्य नमस्कार जीवन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए और तनाव मुक्त जीवन के लिए सूर्य के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी मिलता है।

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Surya Namaskar Steps

सूर्य नमस्कार की 12 स्टेप होती है जिन्हें क्रमबद्ध तरीके से और नियम से किया जाए तो अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा के साथ जीवन जिया जा सकता है Surya Namaskar ऐसा योग है जिसमे शरीर के प्रत्येक अंगों की कसरत होती हैं।

Step 1. प्रणामासन (प्रार्थना मुद्रा)

प्रणामासन सूर्य नमस्कार का प्रमुख हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उगते हुए सूर्य का स्वागत करने और उसकी ऊर्जा को ग्रहण करने से है। Surya Namaskar की शुरूआत इस आसन की जाती है। सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को जोड़ते हुए अपने सीने के करीब लाएं और इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें। इस मुद्रा में मन में ‘ॐ मित्राय नम:’ मंत्र का उच्चारण करते रहे।

Step 2. हस्त उत्तानासन (उठे हुए हाथों की मुद्रा)

यह Surya Namaskar का द्वितीय चरण है जिसमें सांस लेते हुए हाथों को ऊपर और पीछे की ओर उठाएं, भुजाओं को कानों के पास रखें। इस योगासन में एड़ी से लेकर उंगलियों के सिरे तक पूरे शरीर को ऊपर खिंचाव का प्रयास किया जाता है।

Step 3 पादहस्तासन

इस आसन साँस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें ध्यान रहे रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। जैसे ही आप पूरी तरह से साँस छोड़ते हैं, हाथों को पैरों के पास में फर्श पर नीचे लाएँ।

Step 4 अश्व संचालासन

हाथों को बायें पैर की तरफ रखकर अंगुलियों से फर्श को छूकर संतुलन बनाने की कोशिश करें। अपने दाहिने पैर को जितना पीछे संभव हो सके पीछे की ओर धकेलें। दाहिने घुटने को फर्श पर लाएँ और ऊपर देखें। गर्दन सीधी रखें और सामने देखें। इस मुद्रा में कुछ देर सांस लें। अपने दाहिने पैर को जितना पीछे संभव हो सके पीछे की ओर धकेलें।

Step 5 दंडासन

अश्व संचालासन आसन के बाद बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में रखें। पैरों को एक साथ मिलाकर दोनों पैरों को रिलैक्स करें। जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें। फिर कंधों को कूल्हों के ऊपर ले जाते हुए रीढ़ को सीधा रखें। इसके लिए बाजुओं का सहारा लें। पैरों को पूरी तरह से व्यस्त रखते हुए कुछ पल इसी अवस्था में रहें।

Step 6 अष्टांग नमस्कार

धीरे से अपने घुटनों को ज़मीन पर लाएँ और साँस छोड़ें। हिप्स को थोड़ा पीछे ले जाएँ, आगे की ओर खिसकें और अपनी छाती और ठोड़ी को ज़मीन पर टिकाएँ। अपने पिछले हिस्से को थोड़ा ऊपर उठाएँ। यह आसन हाथो और पैरो को मजबूत करता हैं।

Step 7 भुजंगासन

भुजंगासन के अभ्यास के लिए पेट के बल सीधा लेट जाए पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें।फिर हाथों को छाती के पास ले जाते हुए हथेलियों को नीचे टिका लें। गहरी सांस लेते हुए नाभि से शरीर ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखें। इस मुद्रा में कुछ देर रहें। यह आसन शरीर में रक्त संचरण को बढ़ाता है और ह्रदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता हैं।

Step 8 अधोमुख श्वानासन

अधोमुख श्वानासन में साँस छोड़ते हुए उल्टे लेटे हुए कूल्हों और टेलबोन को ऊपर उठाएँ ताकि शरीर उल्टे ‘V’ आकार में आ जाए। जहाँ तक संभव हो एड़ियों को ज़मीन पर रखने की कोशिश करें और स्ट्रेच को और गहरा करते हुए टेलबोन को ऊपर उठाने का मध्यम प्रयास करें।

Step 9 अश्व संचालासन

हाथों को दाहिने पैर की तरफ रखकर अंगुलियों से फर्श को छूकर संतुलन बनाने की कोशिश करें। अपने बायें पैर को जितना पीछे संभव हो सके पीछे की ओर धकेलें। बायें घुटने को फर्श पर लाएँ और ऊपर देखें। गर्दन सीधी रखें और सामने देखें। इस मुद्रा में कुछ देर सांस लें। अपने बायें पैर को जितना पीछे संभव हो सके पीछे की ओर धकेलें।

Step 10 पादहस्तासन

पुनः Step 3 की तरह इस आसन साँस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें ध्यान रहे रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। जैसे ही आप पूरी तरह से साँस छोड़ते हैं, हाथों को पैरों के पास में फर्श पर नीचे लाएँ।

Step 11 हस्त उत्तानासन

सांस लेते हुए हाथों को ऊपर और पीछे की ओर उठाएं, भुजाओं को कानों के पास रखें। इस योगासन में एड़ी से लेकर उंगलियों के सिरे तक पूरे शरीर को ऊपर खिंचाव का प्रयास किया जाता है।

Step 12 प्रणामासन

पुनः प्रारंभिक मुद्रा की तरह सांस लेते हुए हाथों को ऊपर और पीछे की ओर उठाएं, भुजाओं को कानों के पास रखें। इस योगासन में एड़ी से लेकर उंगलियों के सिरे तक पूरे शरीर को ऊपर खिंचाव का प्रयास किया जाता है। इस मुद्रा में मन में ‘ॐ भास्कराय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते रहे।

Benefits of Surya Namaskar

  • Full body workout:- सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) कई मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है और ताकत और लचीलेपन को बढ़ावा देती है। मांसपेशियों को मजबूत करता है और समग्र फिटनेस को बढ़ाता है। रीढ़ की हड्डी के संरेखण में सुधार करता है और पीठ दर्द को कम करता है।
  • Improves Digestion:- पाचन अंगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे पाचन क्रिया ठीक होती है।
  • Improves Blood Circulation:- शरीर और मस्तिष्क को बेहतर ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ावा देता है। बेहतर रक्त परिसंचरण त्वचा और खोपड़ी को पोषण देता है।
  • Reduces stress and anxiety:- गहरी साँस लेना और कसरत दिमाग को शांत करती हैं जिससे मानसिक लाभ मिलता हैं।
  • Elevates Mood and Energy Levels:- Surya Namaskar से एंडोर्फिन जारी होता है जो थकान और अवसाद को कम करता है।
  • Spiritual Benefits:- मन-शरीर संबंध को बढ़ाता है – साँस को हरकत के साथ जोड़ता है, आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • Balances the Chakras:- Surya Namaskar ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय करता है और भावनात्मक स्थिरता में सुधार करता है।

FAQ’s

What are the 12 steps of Surya Namaskars?

सूर्य नमस्कार के 12 चरण या आसन (12 steps of Surya Namaskars):-
प्रणामासन, हस्तउत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन, अश्व संचलासन, हस्तपादासन, हस्तउत्त्तानासन और प्रणामासन।

सूर्य नमस्कार का क्या लाभ/फायदे है?

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) कई मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है और ताकत और लचीलेपन को बढ़ावा देती है। मांसपेशियों को मजबूत करता है और समग्र फिटनेस को बढ़ाता है। रीढ़ की हड्डी के संरेखण में सुधार करता है और पीठ दर्द को कम करता है।

क्या मैं रोज सूर्य नमस्कार कर सकता हूँ?

हां, प्रतिदिन Surya Namaskar करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, जैसे मजबूत रीढ़, बेहतर पाचन, चमकती त्वचा, मानसिक लाभ और मांसपेशियों की मजबूती।

सूर्य नमस्कार दिन में कितनी बार करना चाहिए?

सूर्य नमस्कार का प्रतिदिन 7 से 21 बार अभ्यास किया जाये तो पुरे दिन शरीर में स्फूर्ति बनी रहती हैं।

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